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मौनी अमावस्या 2024: धार्मिक महत्व, तिथि, विशेष पूजा

Wed - Feb 07, 2024

4 min read

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मौनी अमावस्‍या माघ मास की अमावस्‍या को कहते हैं। इस दिन गंगा स्‍नान करने और दान पुण्‍य करने का विशेष महत्‍व होता है। मौनी अमावस्‍या को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा में आस्‍था की डुबकी लगाने से जन्‍मों के पाप धुल जाते हैं। मौनी अमावस्‍या के दिन मौन रहकर ईश्‍वर की भक्ति में मन लगाते हैंर्। इसलिए इसे मौनी अमावस्‍या कहते हैं। मान्‍यता है कि इस दिन जप और तप करने वाले व्‍यक्ति को शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है और मन को शांति मिलती है।

मौनी अमावस्‍या कब है ?

हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्‍या तिथि का आरंभ 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर होगा और यह 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इसलिए मौनी अमावस्‍या का स्‍नान और दान 9 फरवरी को होगा।

मौनी अमावस्या में गंगा स्नान का महत्व


हिंदू धर्म में गंगा स्नान को सबसे पवित्र स्नान माना गया है।गंगा और अन्य नदियों के स्नान की पवित्रता का संबंध समुद्र मंथन से जुड़ा है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवों और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो, समुद्र से भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर निकले थे।अमृत कलश को पाने के लिए देवताओं और असुरों के बीच विवाद छिड़ गया और छीना-झपटी होने लगी। इसी दौरान कलश से अृमत की कुछ बूंदे प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक जैसी पवित्र नदियों में गिर गई।अमृत गिरने के कारण ही ये नदियां पवित्र हो गईं। यही कारण है कि पर्व-त्योहार, पूर्णिमा, अमावस्या और विशेष तिथियों में नदी स्नान और विशेषकर गंगा स्नान की परंपरा है।अतः मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का बड़ा ही महत्व है। 


मौनी अमावस्या पर पितरो का महत्व

मौनी अमावस्या पर पितरों को भी खुश करते हैं क्योंकि हर अमावस्या के दिन पितर पितृ लोक से धरती पर आते हैं। उनको उम्मीद होती है कि उनका वंश उनको तृप्त करेगा।जब पितर तृप्त नहीं होते हैं तो वे दुखी हो जाते हैं।उनकी नाराजगी के कारण पितृ दोष लगता है। दुखी पितर अपने वंश को श्राप देते हैं, जिससे उनके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आने लगती हैं। मौनी अमावस्या के दिन पितरों के लिए जितना तर्पण, दान, श्राद्ध आदि करना जरूरी होता है, उतना ही दीप जलाना भी आवश्यक होता है।

पूजा विधि

१)सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
२)स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
३)सूर्य देव को अर्घ्य दें।
४)अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
५)इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
६)पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
७)इस पावन दिन भगवान विष्णु का अधिक से अधिक ध्यान करें।

मौनी अमावस्या के दिन क्या करें?

१)इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें। यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
२)स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य जरूर दें। ध्यान रहे स्नान करने से पहले तक कुछ बोलें नहीं।
३)मौनी अमावस्या के दिन ज्यादा से ज्यादा ध्यान, प्रार्थना व अन्य धार्मिक क्रिया करें। इस दिन दान जरूर करें। जरूरतमंद लोगों की मदद करें। निस्वार्थ कार्य करना इस दिन शुभ फलदायी होता है।
४)मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाएं ताकि शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध हो जाएं।
५)मौनी अमावस्या के दिन उपवास करें, ऐसा करना शुभ फल देता है।

मौनी अमावस्या के दिन क्या ना करें?

१)मौनी अमावस्या के दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन केवल सादा भोजन ही करें। साथ ही जितना हो सके मौन रहने की कोशिश करें।
२)मौनी अमावस्या के दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए। इसका उल्टा प्रभाव आपके जीवन में पड़ने की संभावना रहती है।
३)मौनी अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए।
४)मौनी अमावस्या के दिन नकारात्मक विचारों और भावनाओं को अपने अंदर न आने दें। 

मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीप क्यों जलाते हैं?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पितर गण धरती पर आते हैं और सूर्यास्त होने पर वे अपने लोक वापस लौटते हैं।पितृ लोक लौटते समय उनके रास्ते में अंधेरा न हो, इस वजह से ही पितरों के लिए दीप जलाते हैं। इससे वे खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितरों के आशीर्वाद से सुख, शांति, समृद्धि, धन, दौलत, वंश, यश , कीर्ति आदि की प्राप्ति होती है।

इस साल मौनी अमावस्या बहुत ही शुभ संयोग के साथ आ रही है।
अगर आप भी आपकी कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव कम करना चाहते हैं और किसी कारणवश पिंड तर्पण नहीं करवा पा रहे हैं, उत्सव एप आपको आपकी पूजा करने का शुभ अवसर प्रदान कर रहे हैं।

उत्सव एप द्वारा विभिन्न शक्तिपीठों में मौनी अमावस्या विशेष पूजा की जा रही है, आप भी उत्सव ऐप के माध्यम से पूजा बुक करवा सकते है। पंडित जी आपके नाम और गोत्र लेकर पूजा करेंगे। पूजा की विडियो आपको व्हाट्सएप कर दिया जाएगा और प्रसाद घर पर भेजा जाएगा।
पूजा बुक करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करे।

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