ब्रह्मा आरती - लाभ, विशेष अवसर और कब पाठ करें
Mon - May 06, 2024
2 min read
Share
ब्रह्मा आरती, हिंदू धर्म में भगवान ब्रह्मा की पूजा के दौरान उनकी महिमा और आशीर्वाद का प्रदर्शन करने के लिए प्रदर्शित की जाने वाली एक धार्मिक अनुष्ठान है। ब्रह्मा धर्म के त्रिमूर्ति में से एक हैं और उन्हें ब्रह्माण्ड के निर्माता के रूप में माना जाता है। यह आरती भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, जिसके माध्यम से भक्त भगवान ब्रह्मा की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस अनुष्ठान में, भक्त ब्रह्मा की महिमा का गान करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

आरती
आरती श्री ब्रह्मा जी ॥
पितु मातु सहायक स्वामी सखा,तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कुछ और आधार नहीं,तिनके तुम ही रखवारे हो।
सब भाँति सदा सुखदायक हो,दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।
प्रतिपाल करो सिगरे जग को,अतिशय करुणा उर धारे हो।
भुलि हैं हम तो तुमको,तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।
उपकारन को कछु अन्त नहीं,छिन ही छिन जो विस्तारे हो।
महाराज महा महिमा तुम्हरी,मुझसे बिरले बुधवारे हो।
शुभ शान्ति निकेतन प्रेमनिधि,मन मन्दिर के उजियारे हो।
इस जीवन के तुम जीवन हो,इन प्राणन के तुम प्यारे हो।
तुम सों प्रभु पाय 'प्रताप' हरि,केहि के अब और सहारे हो।
लाभ:
ब्रह्मा आरती के पाठ के कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. आत्मिक शक्ति का विकास: ब्रह्मा आरती के पाठ से आत्मिक शक्ति का विकास होता है और व्यक्ति की आत्मा में ऊर्जा का बढ़ावा होता है।
2. ज्ञान और विवेक की प्राप्ति: भगवान ब्रह्मा की पूजा के माध्यम से ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है, जो व्यक्ति को जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करती है।
3. आत्मा की शुद्धि: ब्रह्मा आरती के पाठ से आत्मा की शुद्धि होती है और व्यक्ति का मन शांत होता है।
4. धार्मिक उत्थान: यह आरती भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है, जो व्यक्ति का धार्मिक उत्थान होता है और उसे दिव्य उच्च संज्ञान की प्राप्ति होती है।
5. आशीर्वाद: ब्रह्मा आरती के पाठ से भगवान के कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, जो व्यक्ति को सफलता और सुखी जीवन प्रदान करते हैं।
इस प्रकार, ब्रह्मा आरती के पाठ से व्यक्ति को आत्मिक और धार्मिक लाभ प्राप्त होते हैं, जो उसे उत्तम जीवन की ओर ले जाते हैं।
विशेष अवसर और कब गाएं :
ब्रह्मा आरती को अलग-अलग स्थितियों और अवसरों पर गाया जा सकता है। कुछ सामान्य अवसर जिन पर ब्रह्मा आरती गाई जाती हैं शामिल हैं:
1. ब्रह्मा पूजा: ब्रह्मा आरती को ब्रह्मा पूजा के समय गाया जाता है, जब भक्त भगवान ब्रह्मा की पूजा करते हैं और उन्हें आराधना करते हैं।
2. ब्रह्मा जयंती: ब्रह्मा जयंती, भगवान ब्रह्मा का जन्मोत्सव, ब्रह्मा आरती के अवसर पर गाई जाती है।
3. दैनिक पूजा: कुछ भक्त ब्रह्मा आरती को अपनी दैनिक पूजा के हिस्से के रूप में गाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो ब्रह्मा के आध्यात्मिक अध्ययन में रुचि रखते हैं।
4. तीर्थयात्रा: कुछ तीर्थयात्रा के समय, जब भक्त ब्रह्मा के मंदिरों में जाते हैं, वहां भी ब्रह्मा आरती की अवधि होती है।
5. विशेष अवसर: कई धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर भी ब्रह्मा आरती गाई जा सकती है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या अन्य समारोह।
सार्वजनिक रूप से, ब्रह्मा आरती को विशेष पूजा और अवसरों पर गाया जाता है, लेकिन व्यक्तिगत भक्त इसे अपनी दैनिक पूजा का भाग भी बना सकते हैं।
Share