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जीवन की समस्याओं का हल करने के लि ए शीर्ष 10 महामंत्र

Sat - Sep 30, 2023

6 min read

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क्या आप जानते है हमारी रोज़ की भागदौड़ वाली ज़िंदगी में हमारा आध्यात्मिक होना कितना आवश्यक हैं इससे ना केवल हमारा मन शांत होता हैं बल्कि हमें मानसिक बल भी प्राप्त होता हैं। अगर आप भी उन अनदेखी शक्तियों पर विश्वास करतें है तो यह Blog पूरा पढें।

दस महामंत्र जिनसे हमारी दैनिक समस्याओं का समाधान होगा।
आपके जीवन समस्याओं को हल करने के लिए श्रेष्ठ 10 महामंत्र:

1. ॐ : ऐसा कहा जाता है कि "ओम" प्रथम ध्वनि है। आज भी ब्रह्मांड में ओम की ध्वनि सुनाई देती है। पतंजलि के शांति, सुख और समृद्धि के योग सूत्र के अनुसार, ओम सभी मंत्रों की शुरुआत है। इसका जाप करने के अनेकों फ़ायदे हैं, इससे गले में एक कंपन महसूस होती हैं जिससे पूरे शरीर में एक सौम्य अनुभव होता हैं। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता हैं और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।    

विधि: ऊँ का जप या ध्यान इसके अर्थ और महत्व को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। चूँकि ॐ ईश्वर की प्रतिनिधि ध्वनि और प्रतीक है इसलिए ॐ का उच्चारण करते समय ईश्वर को ध्यान में रखना जरूरी है। इसका नियमित जाप करने से व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक शक्ति का संतुलन बना रहता हैं।

Mahamantra

2. ॐ नमः शिवाय : यह मंत्र जीवन के समस्याओं को हल करने में मदद करता है और मानसिक, भावनात्मक शांति प्रदान करता है। शिव जी को समर्पित यह मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक हैं। इस मंत्र का जाप करके आप अपने भीतर पंच तत्वों को नियंत्रित कर सकते हैं। यह मंत्र आपके आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करता हैं और मन को शांति प्रदान करता हैं। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से हम शिव तक की अपनी यात्रा पूर्ण कर सकतें हैं।     

विधि - इस प्रभावशाली मंत्र का जाप आप स्नान के पश्चात कर सकते हैं, इसका सबसे उपयुक्त समय सुर्योदय और सुर्यास्त के समय होता हैं। यह जाप को १०८ बार करने से अच्छा असर होगा। वैसे आप सच्चे मन से कभी भी इसका जाप कर सकते हैं|

3. हरे कृष्ण, हरे कृष्ण: यह मंत्र भगवान कृष्ण को समर्पित है, यह सुख और आनंद को बढ़ावा देता है और मन भी शांत करता हैं। भगवान कृष्ण विष्णु जी के सबसे पूज्य अवतार हैं, उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से जीवन की समस्याओं का समाधान होता हैं, मानसिक, भावनात्मक और आत्म ज्ञान की प्राप्ति होती हैं। इस व्यस्त जीवनशैली में हम सांसारिक कार्यों में उलझ गये हैं, इसमें हमने भीतर की शांति खो चुके हैं। हम कृष्ण मंत्र का जाप करके अपने अंतरात्मा से जुड़ सकते हैं।    

विधि - इस मंत्र को ब्रह्म मुहूर्त में १०८ बार जाप करना चाहिए। सुबह ४ से ६ के बीच में जाप करने से व्यक्ति अपने विचारों को नियंत्रित कर सकता हैं। इससे हम ईश्वर से जुड़ सकते हैं। कोई भी व्यक्ति कृष्ण के चित्र या मूर्ति के सामने महामंत्र का जाप कर सकता हैं। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं। 

4. ॐ नमो नारायणाय: विष्णु भगवान का प्रसिद्ध मंत्र जिससे जीवन को सुरक्षित रखने और सुखद बनाने में मदद मिलती हैं।ॐ नमो नारायणाय: का निरंतर जाप करने से सभी प्रकार के दुःख दर्द दूर होते हैं और श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान विष्णु जग के पालनहार हैं, उन्हें संसार का कर्ता धर्ता माना गया हैं। अगर कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से उनके मंत्र का जाप करके उनका स्मरण करता है तो वह उनके कष्टों का निवारण करते हैं। इस मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को मरने के उपरांत बैकुंठ में वास मिलता है और पुण्य फल की प्राप्ति होती हैं।                                             

विधि- स्नान के पश्चात साफ़ सुथरे वस्त्र धारण करें फिर विष्णु जी की पूजा के लिए सामग्री एकत्रित करें, उनकी मूर्ति स्थापित करके उनकी पूजा करें। उन्हें धूप दीप और पीले वस्त्र अर्पित करें तत्पश्चात् उनके मंत्र का १०८ बार जाप करें। कम से कम १० मिनिट जाप करना चाहिए।

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5. ॐ मणिपद्मे हूँ : बौद्ध धर्म का यह मंत्र का अर्थ दिव्य हैं, यह कर्मों को परिष्करण करने में और उच्च चेतना को प्राप्त करने में मदद करता है। बौद्ध धर्म के अनुसार इस मंत्र का जाप करने से अहंकार दूर होता है और मन, विचार, आत्मा का शुद्धीकरण होता है, इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति आत्मज्ञान प्राप्त करता है। इस मंत्र के आखिर में हूँ का तात्पर्य है सभी सकारात्मक शक्तियों को एकत्रित करना।                    

विधि- एकाग्र मन से ध्यान की अवस्था में १०८ बार मंत्र का जाप करें। लंबी लंबी सॉंस लेने के साथ ही मंत्र का जाप करें। १०८ का जाप पुर्ण करने के पश्चात धीरे-धीरे ध्यान सें बाहार आए। फिर अपना जाप समाप्त करें।

6. ॐ गं गणपतये नमः : गणेश भगवान का यह मंत्र जीवन से समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसे गणपति का बीज मंत्र भी कहा जाता हैं। उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। वो सभी देवताओं में से प्रथम पूज्य हैं। उन्हें स्मरण करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। वे बुद्धि और सुख समृद्धि प्रदान करनें वाले देव हैं, उनके मंत्र जाप करना फलदायी होता हैं। इससे बुद्धि विकसित होती है और ज्ञान प्राप्त होता हैं।                                                                    

विधि- मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें , शांत जगह पर श्री गणेश जी का ध्यान करते हुए जाप करें। आप अपनी इच्छा अनुसार मंत्र जाप करें।

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7. श्री राम जय राम जय जय राम : भगवान राम का यह मंत्र भक्तों को धैर्य और सहनशीलता प्रदान करता है। श्री कृष्ण के अलावा श्री राम भी सर्वाधिक पूजनीय हैं, उन्होंने अपने जीवन में रावण का वध किया था जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता हैं। उनका जीवन मनुष्यों के लिए आदर्श है, वे सदाचार के प्रतीक और धर्म के आधार पर अपना जीवन व्यतीत करते थे। उनके मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में वृद्धि होती हैं।                                                      

विधि- स्नान के पश्चात पूर्व दिशा में मुख करके अपना ध्यान राम नाम पर केंद्रित करके जाप करें। मंत्र का जाप १०८ बार करें। पीले या सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करके पूर्ण भक्ति से जाप करें और श्री राम की कृपा प्राप्त करें ।

8. ॐ तत्त्वमसि : उपनिषदों का यह मंत्र आत्मा की एकता को दर्शाता है। यह एक संस्कृत मंत्र हैं जिसका अर्थ है मैं वह हूँ। तत् का अर्थ है "वह"।त्वम् का अर्थ "आप"।असि का अर्थ है "आप थे"। इसे आत्मा की ब्रह्मा के साथ एकता को जोड़ने के लिए किया जाता हैं।               

विधि- किसी शांत जगह पर ध्यान केंद्रित करें और मंत्र का जाप करें। इससे मन को शांति प्रदान होती हैं।

9. ॐ शांति शांति शांति : शांति के लिए एक प्रार्थना मंत्र जो मानसिक शांति प्रदान करता है। इसे शांति पाठ भी कहा जाता है। इस मंत्र से हम सब जीवों के लिए शांति की प्रार्थना करते हैं। इसका अर्थ है हे ईश्वर! स्वर्ग लोक शांत हो, संपूर्ण आकाश शांत हो, धरती शांत हो, जल शांत हो, जड़ी-बूटी वाले पौधे शांत हो, पेड़-पौधे शांत हो, सभी देवताएं शांत हो, परब्रह्म की सी संपूर्ण शांति मुझे प्राप्त हो.                                              

विधि- यह मंत्र किसी भी देवी देवताओं को समर्पित नहीं है, इस मंत्र के जाप के लिए साफ़ मन की ज़रूरत होती हैं। आसन पर बैठकर बंद आँखों से जाप करें। शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.मन शांत रहता है और शांत मन ईश्वर का सबसे बड़ा आशीर्वाद होता है। 

10. सरस्वती मंत्र : यह मंत्र है “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं मातंगी महाक्लीं ग्लौं तर्क्ष श्वेतच्छत्रु निवारय ग्रां बिलां वर्ष्माणं धूर्याणं विद्या क्लीं सर्वोत्तमं मम शरीरं में वशं कुरु कुरु स्वाहा” सरस्वती देवी का यह मंत्र ज्ञान, विद्या, और कला में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। ज्ञान की देवी मॉं सरस्वती का पूजन कर मंत्र का जाप करने से अविघा का नाश होता हैं। जो शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं और याददाश्त बढ़ाना चाहते हैं वो जाप करें।                                  

विधि - इस मंत्र का जाप सफ़ेद आसान पर सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करके शुद्ध घी का दीपक जलाकर करें ऐसा करने से मॉं सरस्वती प्रसन्न होती हैं और अविघा का नाश होता हैं।                                      

ये मंत्र आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को सुधारने में मदद कर सकते हैं, लेकिन आपको इन्हें ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से जापने की आवश्यकता होती है।इन महामंत्रों का नियमित जाप करने से, आप अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन की समस्याओं का समाधान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। यह मंत्र स्वाध्याय, ध्यान, और सद्गुणों का पालन करते समय अधिक प्रासंगिक हो सकते हैं।

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