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फरवरी 2024 महीने के मुख्य त्योहार और व्रत: आपके लिए एक संपूर्ण गाइड

Fri - Jan 26, 2024

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साल का सबसे छोटा और दूसरा महीना है फरवरी। ये महीना ठंड का आखिरी महीना होता है। हिंदू पंचांग में यह ग्यारहवाँ महीना है, जिसे माघ महीने के नाम से जाना जाता है। फरवरी के महीने में हिंदू पंचांग के दो महीने संगलित होंगे - माघ और फाल्गुन। इस महीने में कई त्यौहार और व्रत आते हैं जो नए मौसम के आगाज का प्रतीक होते हैं। व्रत और त्यौहार की दृष्टि से यह महीना बेहद खास होता है। वसंत पंचमी, मौनी अमावस्या, जया एकादशी जैसे कई मुख्य व्रत और त्यौहार फ़रवरी में आ रहे हैं। आज हम इस ब्लॉग में सभी मुख्य त्यौहार और व्रत के बारे में जानकारी देंगे

2, फरवरी 2024 - कालाष्टमी, मासिक जन्माष्टमी
6, फरवरी 2024 - षटतिला एकादशी
8, फरवरी 2024 - मासिक शिवरात्रि
9, फरवरी 2024 - मौनी अमावस्या
13, फरवरी 2024 - गणेश जयंती
14, फरवरी 2024 - वसंत पंचमी, स्कंद षष्ठी
17, फरवरी 2024 - मासिक दुर्गा अष्टमी
20, फरवरी 2024 - जया एकादशी
24, फरवरी 2024 - माघ पूर्णिमा, संत रविदास जयंती
28, फरवरी 2024 - द्विज प्रिया संकष्टी चतुर्थी

इन त्यौहारों और व्रत का विशेष महत्व हैं।

कालाष्टमी

हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी कहा जाता है। इस दिन को काल भैरव के प्रकटोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस तिथि पर काल भैरव की आराधना करने से असीम शक्ति की प्राप्ति होती है। 2 फरवरी को कालाष्टमी मनाई जाएगी। बाबा भैरव को प्रसन्न करने के लिए कुछ सरल उपाय हैं - बाबा भैरव के बटुक रूप को कच्चा दूध चढ़ाये तथा काल भैरव रूप को शराब का भोग लगाकर प्रसन्न करें। हलवा, पूरी, मदिरा उनका प्रिय भोग है।

तिथि समय 

अष्टमी तिथि 02 फरवरी को 04 बजकर 03 मिनट पर आरंभ होगी और 03 फरवरी 2024 को शाम 05 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी।

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एकादशी

सनातन धर्म में एकदशी का बहुत महत्व है, एकदशी मुख्यतः मोक्ष प्राप्ति के लिए रखीं जाती है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकदशी को सभी व्रतों में सबसे उत्तम या फलदायी माना जाता है।
हर महिने दो एकादशी आती है। माघ माह की कृष्ण पक्ष में आने वाली इस एकादशी को षट्टीला एकादशी कहते है और शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं।
इस पवित्र दिन तिल का ६ प्रकार से उपयोग किया जाता हैं इसलिए षट्टीला एकादशी कहा गया है।यह दिन विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन व्रत रख कर विष्णु जी की पूजा करना और तिल का भोग लगाना शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा और उपवास करके आप अपने पापों के लिए क्षमा मांग सकते हैं और अपने जीवन में सौभाग्य को आमंत्रित कर सकते हैं। कहा जाता है की जो व्यक्ति ये व्रत नहीं करते है और सिर्फ़ कथा सुनते है उन्हें भी इसका लाभ मिलता है।
जया एकादशी का व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ये एकादशी जीवन के सभी पापों को नष्ट करने वाली होती है। हर साल जो व्यक्ति जया एकादशी का व्रत रखता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 तिथि समय :
षट्टीला एकादशी का आरंभ 05 फरवरी 2024 शाम 05:25 बजे हो जाएगा और समापन 06 फरवरी 2024 शाम 04:07 बजे होगा।
जया एकादशी की तिथि का आरंभ 19 फरवरी को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से होगा और 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर तिथि का समापन होगा।

मासिक शिवरात्रि

हर महिने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस पावन दिन पर भक्त मां पार्वती और महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु अथवा अपनी मनचाही इच्छा पूरी करने के लिए इस दिन यह व्रत व पूजन करते हैं।

तिथि समय -

माघ मास की मासिक शिवरात्रि 8 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से आरंभ होगी और 9 फरवरी 09 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी।

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मौनी अमावस्या

इस साल 9 फरवरी को बहुत ही शुभ संयोग के साथ आ रही है यह अमावस्या। ऐसे तो हर महीने अमावस्या आती है परंतु कुछ अमावस्याओं का विशेष महत्व होता है। जेसे कि माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है। अगर आप भी अपने पापों से मुक्त होना चाहते हैं तो इस मौनी अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करना ना भूलें। इस दिन मौन रहकर दान करना या पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। जो भी पवित्र नदी में स्नान करने में असमर्थ है, वह गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते है। इस दिन किये गये दान और पूजन का फल बाकी दिनों से हजारों गुना अधिक प्राप्त होता है।
तिथि समय :
मौनी अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी को सुबह 04 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी।

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गणेश जयंती

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस साल ये 13 फरवरी को आएगा, इस दिन श्री गणेश का जन्म हुआ था। लेकिन क्या आप गणेश जयंती या गणेश चतुर्थी में अंतर जानते हैं ? गणेश जयंती के दिन गणेश जी का जन्म माँ पार्वती के शरीर के मैल से हुआ था और गणेश चतुर्थी के दिन उन्हें पहली बार पृथ्वी पर कदम रखा था।
गणेश जयंती के दिन चंद्र दर्शन निषेध रहता हैं। इस दिन व्रत और पूजन करने से सभी संकटो का नाश होता है और मनोविकार भी दूर होते हैं।

तिथि समय- चतुर्थी तिथि 12 फरवरी को 05 बजकर 45 मिनट पर आरंभ होगी और 13 फरवरी को 02 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी।

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वसंत पंचमी

वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में आती है। इसे मां सरस्वती का प्रकटोत्सव कहा जाता है, इसलिए इस दिन मां की विशेष पूजा की जाती है। इस साल ये शुभ दिन 14 फरवरी को आ रहा है। इस दिन संसार के रचयिता ब्रह्मदेव ने सृष्टि को ध्वनि प्रदान करने के लिए मां सरस्वती को उत्पन्न किया था।

तिथि समय :- पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर प्रारम्भ होगी और 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर समापन होगा।

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दुर्गा अष्टमी

हर महिने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। इसे अस्त्र पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठ कर माँ की आराधना करने का विधान है। माँ को लाल फूल, चन्दन और धूप अति प्रिय है। कुछ स्थान पर मां की पूजा के लिए कुमारी पूजा का भी विधान है जिसमें वे 6 से 12 वर्ष के उम्र की कन्याओं को भोजन कराते हैं। इससे जीवन में ख़ुशी और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

तिथि समय- माघ मास की दुर्गा अष्टमी 16 फरवरी को सुबह 08 बजकर 55 मिनट से 17 फरवरी को सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगी.

माघ पूर्णिमा

सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व हैं। माघ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहा जाता है। मान्यतानुसर इस दिन श्री हरि विष्णु साक्षात गंगा नदी में निवास करते हैं। इसलिए इस दिन पवित्र नदियों पर भक्तों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता हैं। वेदों पुराणों में इसे बहुत पुण्यदायी माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप नष्ट होते हैं या मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। एक और मान्यता के अनुसर सभी देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं या पवित्र नदियों में स्नान और जप-तप या दान करते हैं।
इस दिन संत रविदास जयंती भी मनाई जाती है। वे अपनी सदी के महान संतों में से एक थे। इस दिन उनके भक्त उनकी पूजा पाठ करते हैं।
तिथि समय - माघ पूर्णिमा की शुरुआत 23 फरवरी को शाम 03 बजकर 36 मिनट पर होगी और 24 फरवरी को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी।

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संकष्टी चतुर्थी

हमारे सनातन धर्म में हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस विशेष दिन पर गणेश जी की पूजा आराधना करने से सभी संकटो और बाधा से मुक्ति मिलती है। माघ माह में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को द्विज प्रिया संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।

तिथि समय- संकष्टी चतुर्थी 28 फरवरी को 1 बजकर 53 मिनट से आरंभ होगी या 29 फरवरी को सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।

उत्सव ऐप के साथ उठाएं इन महत्वपूर्ण तिथियों पर पूजा करने का लाभ

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

इस श्लोक का अर्थ हैं- सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त रहें,
सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े। ॐ शांति शांति शांति॥
यही उत्सव एप का उद्देश्य हैं कि जो अपनी दिनचर्या में से समय नहीं निकाल पा रहे हैं उन्हें भी हम उत्सव एप के माध्यम से उनकी आध्यात्मिक जड़ों से जोड़कर रख सकें।

उत्सव ऐप द्वारा आप अपने मनचाहे मंदिर में इन महत्वपूर्ण तिथियों पर पूजा की बुकिंग करवा सकते हैं। जैसे कालाष्टमी पर कालिघाट मंदिर (कलकत्ता) में, गणेश जयंती पर श्री चिंतामणि गणेश मंदिर (काशी) में, मासिक शिवरात्रि पर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग(महाराष्ट्र) में, दुर्गा अष्टमी पर मां कामाख्या शक्तिपीठ (गुवाहाटी) में करवाई जा रही पूजा में भाग ले सकते हैं। पंडितजी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करते हुए आपके लिए पूजा करेंगे और प्रसाद आपके घर भेजा जाएगा। 

और जानकारीयों के लिए यहाँ क्लिक करें-

https://utsavapp.in/kriya?utm_source=blog&utm_campaign=feb_imp_dates
















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