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राम मंदिर अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा - मुहूर्त, वीआईपी गेस्ट्स, भव्य आयोजन की तयारी

Wed - Jan 17, 2024

5 min read

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कब है और कैसे होगा?

२२ जनवरी को अयोध्या में स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह है। एक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमतौर पर सात अधिवास शामिल होते हैं, हालांकि आमतौर पर न्यूनतम तीन अधिवास का पालन किया जाता है। कुल 121 आचार्य राम मंदिर प्रतिष्ठा का अनुष्ठान करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में आम तौर पर एक पूजा, संस्कृत मंत्रों का जाप, स्नान और देवता की मूर्ति की मंदिर में प्रतिष्ठा करना शामिल होता है।

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कब से शुरू हुआ?

राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। वर्तमान में मंदिर की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है।

राम मंदिर के उद्घाटन में उपस्थित वीआईपीस

कई संत,महात्मा और वह सभी भक्त जिन्होंने राम मंदिर के लिये संघर्ष किया यह सब २२ तारीख़ को अयोध्या पहुँचेंगे। ऐसे ही कई मेहमानों का १२ जनवरी से ही अयोध्या जाने का सिलसिला शुरू होगा।

अयोध्या में 11,000 से ज्यादा वीआईपी मेहमानों के स्वागत की तैयारी की जा रही है।12 जनवरी से अयोध्या पहुंच रहे राम भक्तों को सनातन सेवा न्यास की तरफ से राम जन्मभूमि से जुड़ा स्मृति चिह्न दिया जाएगा।राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए रतन टाटा के उत्तराधिकारी चंद्रशेखरन, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी को बुलाया गया है।
इसरो के डायरेक्टर नीरज देसाई को निमंत्रण गया है। इसी के साथ फ़िल्मी दुनिया के दिग्गज अमिताब बच्चन,गुरुदास मान,माधुरी दीक्षित,रजनीकांत,मधुर भंडारकर और प्रसून जोशी को भी बुलाया गया है।वही टीवी की दुनिया से रामायण सीरियल के अरुण गोविंद और महाभारत के कृष्ण भारद्वाज को भी आमंत्रण गया है।


भव्य आयोजन की तैयारी

अयोध्या में भगवान राम के दिव्य भव्य मंदिर प्रतिष्ठा के दिन दिल्ली ही नहीं पूरे देश में भव्य आयोजन किया जा रहा है। 495 वर्षो के सतत संघर्ष व लाखों राम भक्तों के बलिदान के पश्चात राम का प्रवेश अपने मंदिर में हो रहा है। हनुमान चालिसा का 2100 पाठ करने का का भी संकल्प लिया जाएगा। 108 कुंड में हवन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। अयोध्या से 108 पंडितों को इस हवन के लिए आमंत्रित किया गया है।अयोध्या रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का धूम विदेशों में भी है। वहाँ वर्चुअल बैठक का आयोजन हुआ जिसमे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का प्रचार प्रसार करने का संकल्प लिया गया।

राम मंदिर का महत्व क्या है?

यह मंदिर हिंदुओं के लिए एक सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। इसे एक तीर्थ स्थल माना जाता है जहां भक्त भगवान राम को श्रद्धांजलि देकर आशीर्वाद और आध्यात्मिक संतुष्टि प्राप्त करते हैं। हिंदुओं की पीढ़ियों ने अयोध्या को भगवान राम की पवित्र जन्मस्थली के रूप में प्रतिष्ठित किया है। मंदिर का महत्व रामायण जैसे ऐतिहासिक ग्रंथों में गहराई से निहित है, जो अनुयायियों के बीच भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध को बढ़ावा देता है। राम मंदिर के निर्माण को हिंदुओं के बीच आस्था, एकता और लचीलेपन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

राम मंदिर अयोध्या कब बनकर होगा तैयार?

दिसंबर 2025 में मंदिर का परिसर बनकर तैयार हो जाएगा। 'पहला चरण दिसंबर 2023 तक, दूसरा फेज दिसंबर 2024 तक और तीसरा दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।

उत्सव एप के द्वारा इस विषेश अवसर पर विशेष पूजन

इस विषेश अवसर पर, हर संकट और ग्रह दोष से मुक्ति पाने के लिए, अयोध्या के कोतवाल, हनुमान गढ़ी मंदिर में सुंदर कांड पाठ, विशेष ग्रह शांति पूजन एवं नाम गोत्र अर्चना में भाग लें।

अयोध्या के काले राम मंदिर में भी श्रीमद वाल्मीकि रामायण, पंचामृत अभिषेक, एवं नाम गोत्र अर्चना पूजा में भाग लें।
पंडित जी आपके और आपके परिवार के नाम पर पूजा करेंगे। पूजा की वीडियो आपके व्हाट्सएप और उत्सव एप पर भेजा जाएगा और घर पर प्रसाद भी भेजा जाएगा।

इस लिंक पर क्लिक करे और अपनी पूजा बुक करें!
utsavapp.in/puja 

राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले शक्स

अयोध्या राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के पहले चरण का काम ४१ महीने के भीतर पूरा हुआ। ट्रस्ट प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम कराने के लिए जुटा है।

विनोद कुमार मेहता-

लार्सन एंड टर्बो कंपनी के प्रोजेक्ट हेड विनोद मेहता है। इस कंपनी को राम मंदिर के निर्माण की ज़िमेदारी दी गई है।मंदिर निर्माण के रिव्यू को लेकर सभी मीटिंग में मेहता मौजूद रहे है

वीएस राजू-
आईआईटी दिल्ली के रिटायर ऑफिसर वीएस राजू के नेतृत्व वाली एक्सपर्ट कमेटी ने तैयार किया है की राम मंदिर में कितने पिलर होंगे,गर्भ गृह कैसा होगा?

अन्नू भाई सोमपुरा-

ट्रस्ट चंपत राय के मुताबिक़ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण लोहे और सीमेंट से नहीं बल्कि पत्थरों के ज़रिए किया गया और अन्नू भाई सोमपुरा द्वारा पत्थरों को तराशने का काम किया गया।

नृपेंद्र मिश्रा- 

प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी |

चंपत राय-

मंदिर निर्माण के हर फ़ैसले में राय की अहम भूमिका है और ये ही मंदिर की हर अपडेट मीडिया को देते है।

राम मंदिर कितना भव्य होगा ?
यह मंदिर नागर शैली में बनाया जाएगा। मंदिर में अब 5 मंडप वाला गुंबद और एक शिखर होगा। मंदिर की ऊंचाई 161 फीट की होगी।'मंदिर की जो वास्तविक डिजाइन थी, उसमें तीन मंडप थे। तीन मंडप में गर्भगृह, कुडू मंडप और नृत्य मंडप थे। इनमें मंदिर के अगले हिस्से में दो मंडप दोनों तरफ और बढ़ाए गए हैं। दो बढ़ाए गए मंडप कीर्तन मंडप और प्रार्थना मंडप होगा।'

भारत में अन्य प्रसिद्ध राम मंदिर कहा है?

सीता रामचन्द्रस्वामी मंदिर, तेलंगाना

तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में भद्राचलम, सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर का घर है। भगवान राम और सीता की शादी की सालगिरह के उपलक्ष्य में राम नवमी के उत्सव में देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

रघुनाथ मंदिर, जम्मू

भारत के उत्तरी क्षेत्र में, जम्मू में रघुनाथ मंदिर भगवान राम के एक प्रमुख मंदिर के रूप में खड़ा है।

राम राजा मंदिर, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के ओरछा में बेतवा नदी के तट पर स्थित राम राजा मंदिर है। यह मंदिर वहीं खड़ा है जहां भगवान राम रहने के लिए सहमत हुए थे |

त्रिप्रयार श्री राम मंदिर, केरल

केरल के त्रिशूर जिले में स्थित त्रिप्रयार श्री राम मंदिर है ।दिलचस्प मूर्तियों और लकड़ी की नक्काशी से सजा यह मंदिर अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

कोंडांडा रामास्वामी मंदिर, चिकमंगलूर
कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में, कोंडांडा रामास्वामी मंदिर में भगवान राम केविवाह के दृश्यों को दर्शाया गया है। यह इस विशिष्ट मूर्ति व्यवस्था वाला भारत का एकमात्र मंदिर है।

रामास्वामी मंदिर, तमिलनाडु

दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में मनमोहक रामास्वामी मंदिर है, जिसे अक्सर दक्षिण की अयोध्या कहा जाता है। मंदिर के भीतर शानदार नक्काशी रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाती है |














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