महादेव आरती - लाभ, विशेष अवसर और कब पाठ करें
सोम - 06 मई 2024
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"हर हर हर महादेव" भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली आरती है, जिसमें उनकी दिव्य उपस्थिति का आह्वान किया जाता है और उनके पवित्र मंत्र "हर हर महादेव" का जाप किया जाता है, जो महान देवता के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह आरती हिंदू धर्म में विनाश और परिवर्तन के सर्वोच्च देवता, भगवान शिव की महिमा और गुणों का गुणगान करती है। इसे उत्साह और भक्ति के साथ गाया जाता है, जिसमें भगवान शिव का आशीर्वाद और सुरक्षा मांगी जाती है, जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा के अंतिम स्रोत और बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मधुर मंत्रों और हार्दिक प्रार्थनाओं के माध्यम से, भक्त महादेव के प्रति अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, अपनी आध्यात्मिक यात्रा और सांसारिक प्रयासों में उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद मांगते हैं।

आरती
हर हर हर महादेव!
सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी।
अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥
हर हर हर महादेव!
आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥
हर हर हर महादेव!
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी।
कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥
हर हर हर महादेव!
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी।
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी॥
हर हर हर महादेव!
मणिमय-भवन निवासी, अति भोगी रागी।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥
हर हर हर महादेव!
छाल-कपाल, गरल-गल, मुण्डमाल व्याली।
चिता भस्मतन त्रिनयन, अयनमहाकाली॥
हर हर हर महादेव!
प्रेत-पिशाच-सुसेवित, पीत जटाधारी।
विवसन विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी॥
हर हर हर महादेव!
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मन-हारी॥
हर हर हर महादेव!
निर्गुण, सगुण, निरञ्जन, जगमय नित्य प्रभो।
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो॥
हर हर हर महादेव!
सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम-सुधा-निधि प्रियतम, अखिल विश्व त्राता॥
हर हर हर महादेव!
हम अतिदीन, दयामय! चरण-शरण दीजै।
सब विधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै॥
हर हर हर महादेव!
लाभ:
1. भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करता है।
2. आंतरिक शांति और शांति को बढ़ावा देता है।
3. आध्यात्मिक विकास और भक्ति को बढ़ावा देता है।
4. प्रतिकूलताओं से सुरक्षा चाहता है।
5. शिव के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा पैदा करता है।
6. उपासकों के बीच एकता और भक्ति की भावना को प्रेरित करता है।
7. ध्यान के लिए अनुकूल पवित्र वातावरण बनाता है।
8. शिव की कृपा से जीवन में बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने में मदद मिलती है।
विशेष अवसर और कब गाएं :
1. दैनिक पूजा: दैनिक पूजा अनुष्ठान के हिस्से के रूप में सुबह या शाम की प्रार्थना में शामिल है।
2. महा शिवरात्रि: भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली यह आरती रात्रि जागरण के दौरान बड़ी भक्ति के साथ गाई जाती है।
3. प्रदोष व्रत: प्रत्येक चंद्र पखवाड़े के 13वें दिन मनाया जाने वाला, भक्त इस शुभ समय के दौरान भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए इस आरती को गाते हैं।
4. श्रावण मास: भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास में भक्ति बढ़ जाती है और इस दौरान नियमित रूप से यह आरती गाई जाती है।
5. मंदिर: भगवान शिव को समर्पित मंदिरों में नियमित आरती समारोहों के दौरान उनकी दिव्य उपस्थिति और आशीर्वाद को आमंत्रित करते हुए गाया जाता है।
6. व्यक्तिगत पूजा: प्रार्थना और ध्यान के व्यक्तिगत क्षणों, भक्ति व्यक्त करने और भगवान शिव से आशीर्वाद मांगने के लिए चुना गया।
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