माँ दुर्गा की 16 पवित्र यात्राएँ: दिव्य नारी शक्ति की तीर्थयात्रा
गुरु - 26 जून 2025
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माँ दुर्गा और माँ आद्या पराशक्ति दोनों दिव्य माता के असीम कृपा स्वरूप हैं। उनके भक्त पवित्र तीर्थयात्राओं (यात्राओं) के माध्यम से उनकी दिव्य उपस्थिति का अनुभव करते हैं, जो आंतरिक शक्ति को जागृत करती हैं, आत्मा को शुद्ध करती हैं और साधक को ब्रह्मांड के चक्रों के साथ सामंजस्य में लाती हैं।
यह ब्लॉग दो महत्वपूर्ण आध्यात्मिक परंपराओं को समझाता है:
1. माँ आद्या पराशक्ति की 16 पवित्र यात्राएँ – बंगाली महीनों के अनुसार वार्षिक आध्यात्मिक साधना।
2. माँ दुर्गा की 16 पवित्र यात्राएँ – भारत के प्रमुख शक्तिपीठों की तीर्थयात्रा।
चाहे आप दिव्य कृपा चाहते हों या आत्म-रूपांतरण, ये दोनों आपके आध्यात्मिक विकास के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका प्रदान करती हैं।
भाग 1: माँ आद्या पराशक्ति की 16 पवित्र यात्राएँ (मासिक आध्यात्मिक साधना)
बंगाली महीनों के अनुसार, प्रत्येक माह एक विशेष यात्रा होती है जो भक्तों को आत्म-मंथन, ध्यान और अनुष्ठानों के माध्यम से ले जाती है।
1. मंच यात्रा (बैशाख) – दिव्य सिंहासन की स्थापना
अभ्यास: घर में एक पवित्र वेदी बनाएँ (कलश, फूल और लाल वस्त्र के साथ)।
मंत्र: "ॐ ह्रीं आद्यायै नमः" (11 बार)।
2. महास्नान यात्रा (ज्येष्ठ) – महान शुद्धिकरण
अभ्यास: गंगाजल या हल्दी के पानी से स्नान करें।
मंत्र: "ॐ जलरूपिण्यै नमः"।
3. अम्बुबाची यात्रा (आषाढ़) – धरती माँ का पवित्र विश्राम
अभ्यास: तीन दिनों तक निष्क्रिय रहकर पुनर्जन्म पर चिंतन करें।
मंत्र: "ॐ क्लीं कामाख्यै स्वाहा"।
4. देवी की रथ यात्रा (आषाढ़) – शक्ति का रथ
अभ्यास: देवी के लिए एक छोटा रथ बनाकर लाल फूल अर्पित करें।
मंत्र: "ॐ देवी रथारूढ़ायै नमः"।
5. जल यात्रा (श्रावण) – जल तीर्थ
महत्व: जल शुद्धता, चेतना और जीवन शक्ति का प्रतीक है।
अभ्यास: घर में कलश की पूजा करें या नदी के किनारे ध्यान करें।
मंत्र: "ॐ जलरूपिण्यै नमः"।
6. धूनन यात्रा (भाद्र) – पवित्र धुएँ से शुद्धि
अभ्यास: धूप, कपूर या बेंजोइन रेजिन जलाकर नकारात्मकता दूर करें।
मंत्र: "ॐ दुं दुर्गायै नमः"।
7. महापूजा यात्रा (आश्विन) – दुर्गा पूजा
महत्व: महिषासुर पर देवी की विजय का उत्सव।
अभ्यास: दुर्गा पूजा करें या चंडी पाठ पढ़ें।
मंत्र: देवी महात्म्यम (चंडी पाठ)।
8. दीप यात्रा (कार्तिक) – प्रकाश पर्व
अभ्यास: देवी के समक्ष 21 दीप जलाएँ।
मंत्र: "ॐ दीपज्योतिः नमः"।
9. नवान्न यात्रा (अग्रहायण) – पहली फसल का भोग
अभ्यास: ताज़े चावल का भोग लगाएँ और दान करें।
मंत्र: "ॐ अन्नपूर्णायै नमः"।
10. अंगराग यात्रा (पौष) – देवी का श्रृंगार
अभ्यास: लाल हिबिस्कस फूल और सिंदूर अर्पित करें।
मंत्र: "ॐ श्रृंगारप्रियायै नमः"।
11. रतंती यात्रा (माघ चतुर्दशी) – जागरण की रात
अभ्यास: काले तिल के तेल का दीपक जलाकर काली मंत्र जपें।
मंत्र: "ॐ क्रीं कालिकायै नमः"।
12. डोल यात्रा (फाल्गुन) – शक्ति की झूला यात्रा
अभ्यास: देवी की छवि वाला एक छोटा झूला बनाएँ और अबीर चढ़ाएँ।
मंत्र: "ॐ ह्रीं डोलायै नमः"।
13. दूती यात्रा (चैत्र) – संदेशवाहक की यात्रा
अभ्यास: तेजपत्ते पर मनोकामना लिखकर दीपक में जलाएँ।
मंत्र: "ॐ दुं दुर्गायै नमः" (9 बार)।
14. रास यात्रा (चैत्र) – शिव-शक्ति का नृत्य
अभ्यास: डमरू की ध्वनि पर ध्यान करें और काली को शिव पर खड़ा देखें।
मंत्र: "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं परमेश्वर्यै नमः"।
15. बसंती यात्रा (चैत्र) – ज्ञानोत्सव
अभ्यास: पीले फूल और शहद अर्पित करते हुए देवी गीता पढ़ें।
मंत्र: "ॐ भुवनेश्वर्यै नमः"।
16. नील यात्रा (चैत्र) – अनंत चेतना की यात्रा
अभ्यास: नीले वस्त्र पहनें और नीले कमल अर्पित करें।
मंत्र: "ॐ नीलसरस्वत्यै नमः"।

भाग 2: माँ दुर्गा की 16 पवित्र यात्राएँ (शक्तिपीठों की तीर्थयात्रा)
1. विंध्यवासिनी यात्रा (उत्तर प्रदेश)
मंत्र: "ॐ विंध्याचलवासिनी देव्यै नमः"।
2. कामाख्या यात्रा (असम)
मंत्र: "ॐ क्लीं कामाख्यै नमः"।
3. वैष्णो देवी यात्रा (जम्मू)
मंत्र: "ॐ श्री माता वैष्णो देव्यै नमः"।
4. तारापीठ यात्रा (पश्चिम बंगाल)
मंत्र: "ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्"।
5. मीनाक्षी यात्रा (मदुरै, तमिलनाडु)
मंत्र: "ॐ मीनाक्ष्यै नमः"।
6. चामुंडा देवी यात्रा (हिमाचल प्रदेश)
मंत्र: "ॐ ऐं ह्रीं चामुण्डायै विच्चे नमः"।
7. कन्याकुमारी यात्रा (तमिलनाडु)
मंत्र: "ॐ कन्याकुमार्यै नमः"।
8. कालीघाट यात्रा (कोलकाता)
मंत्र: "ॐ क्लीं कालिकायै नमः"।
9. मनसा देवी यात्रा (हरिद्वार)
मंत्र: "ॐ श्री मनसादेव्यै नमः"।
10. नैना देवी यात्रा (हिमाचल प्रदेश)
मंत्र: "ॐ नैनायै नमः"।
11. पटन देवी यात्रा (पटना)
मंत्र: "ॐ पटनवासिनी देव्यै नमः"।
12. चोट्टानिक्करा यात्रा (केरल)
मंत्र: "ॐ चोट्टानिक्करा देव्यै नमः"।
13. उज्जैनी महाकाली यात्रा (मध्य प्रदेश)
मंत्र: "ॐ क्रीं काली महाकाल्यै नमः"।
14. खीर भवानी यात्रा (कश्मीर)
मंत्र: "ॐ श्री खीर भवान्यै नमः"।
15. जोगुलाम्बा यात्रा (तेलंगाना)
मंत्र: "ॐ ह्रीं जोगुलाम्बिकायै नमः"।
16. मंगलादेवी यात्रा (नेपाल)
मंत्र: "ॐ मंगलादेव्यै नमः"।
अंतिम आशीर्वाद:
"माँ दुर्गा आपके मार्ग का मार्गदर्शन करें, चाहे वह बाहरी यात्रा हो या आंतरिक। याद रखें, परम यात्रा आपके अपने हृदय तक की है, जहाँ वह सदैव विराजमान हैं।"
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