कोराडी माता मंदिर, नागपुर जहा हर पहर बदलता है माता का रूप
बुध - 12 जून 2024
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करोड़ी माता मंदिर, जिसे श्री महालक्ष्मी जगदम्बा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महाराष्ट्र के नागपुर के पास कोराडी में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह देवी दुर्गा के अवतार देवी जगदम्बा माता को समर्पित है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि इस मंदिर का क्या इतिहास है, मंदिर में मनाए जाने वाले त्यौहार और भी बहुत कुछ।
विषय सूची
1. करोड़ी माता का महत्व
2. करोड़ी माता मंदिर का इतिहास
3. करोड़ी माता मंदिर की वास्तुकला
4. कोराडी माता मंदिर में मनाए जाने वाले मुख्य त्यौहार
5. करोड़ी माता मंदिर कैसे पहुंचे?
6. करोड़ी माता मंदिर में चढ़ाया जाने वाला भोग

करोड़ी माता का महत्व
शक्ति पीठ: कोराडी माता मंदिर को भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है, जहाँ ऐसा माना जाता है कि देवी सती का दाहिना कंधा गिरा था। यह देवी के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
मूर्ति का चेहरा बदलना: मंदिर एक अनोखी घटना के लिए जाना जाता है जहाँ कोराडी माता की मूर्ति का चेहरा हर कुछ वर्षों में बदल जाता है। यह परिवर्तन देवी के आशीर्वाद का संकेत माना जाता है और कहा जाता है कि यह मंदिर और उसके भक्तों के लिए सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
करोड़ी माता मंदिर का इतिहास
किंवदंती के अनुसार, जाखापुर (कोराडी का प्राचीन नाम) के राजा झोलन के सात बेटे थे, लेकिन उन्हें एक बेटी की चाहत थी। धार्मिक अनुष्ठान करने के बाद, उनके घर एक दिव्य बेटी का जन्म हुआ, जो ब्रह्मांड की आदिम ऊर्जा का प्रतीक थी। यह मंदिर इसी देवी को समर्पित है, जिसे देवी जाखुमाई के नाम से जाना जाता है। प्राचीन मंदिर: मंदिर के निर्माण की सही तारीख अज्ञात है, लेकिन माना जाता है कि यह एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है, जो संभवतः 14वीं शताब्दी का है। पिछले कुछ वर्षों में मंदिर में कई जीर्णोद्धार और परिवर्धन हुए हैं।
करोड़ी माता मंदिर की वास्तुकला
पारंपरिक और आधुनिक मिश्रण: मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक और आधुनिक शैलियों का मिश्रण है, जिसमें जटिल नक्काशी और देवी-देवताओं से सुसज्जित एक भव्य प्रवेश द्वार है। मंदिर की दीवारें और खंभे विभिन्न हिंदू देवताओं की जटिल नक्काशी से सजे हैं, जो इसके सौंदर्य को और भी बढ़ा देते हैं।
भव्य प्रवेश द्वार: मंदिर का भव्य प्रवेश द्वार एक आकर्षक विशेषता है, जिसमें जटिल नक्काशी और एक राजसी रूप है।
गर्भगृह: गर्भगृह में काले पत्थर से बनी कोराडी माता की मूर्ति है, जो 5 फीट की ऊँचाई पर खड़ी है। मूर्ति को मालाओं और आभूषणों से सजाया गया है, और पूरा गर्भगृह दीयों से जगमगा रहा है, जो एक रहस्यमय आभा पैदा करता है।
शिखर: मंदिर का शिखर, या मुख्य मंदिर, जटिल पत्थर की नक्काशी से सजाया गया है और देखने लायक है।
पारंपरिक हिंदू डिजाइन तत्व: मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक हिंदू डिजाइन तत्वों, जैसे जटिल पत्थर की नक्काशी और जीवंत रंगों की विशेषता है, जो आगंतुकों के लिए एक आकर्षक और आध्यात्मिक रूप से उत्थान अनुभव बनाती है।

कोराडी माता मंदिर में मनाए जाने वाले मुख्य त्यौहार
नवरात्रि: यह मंदिर का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है, जहाँ कोराडी माता की मूर्ति को तीन अलग-अलग अवतारों में सजाया जाता है।
महा शिवरात्रि: इस त्यौहार के दौरान मंदिर में एक वार्षिक मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और एक अनूठा सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है।
रथ यात्रा: यह रथ जुलूस विभिन्न हिंदू त्यौहारों का जश्न मनाता है और इसमें भक्तगण भक्ति और उत्साह के साथ भव्य रथ को खींचते हैं।
करोड़ी माता मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय
कोराडी माता मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय मई, जून, जुलाई और अगस्त के महीने हैं। ये महीने आगंतुकों के लिए सबसे अच्छा अनुभव प्रदान करते हैं। इसके अलावा, मंदिर दशहरा और नवरात्रि जैसे त्यौहारों के दौरान सबसे व्यस्त रहता है, जो बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं।
करोड़ी माता मंदिर कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग से:
नागपुर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और आप शहर के केंद्र से टैक्सी, बस या निजी वाहन लेकर कोराडी मंदिर पहुँच सकते हैं।
हवाई मार्ग से:
कोराडी माता मंदिर के लिए निकटतम हवाई अड्डा नागपुर हवाई अड्डा है, जो लगभग 21 किमी दूर है। आप हवाई अड्डे से स्थानीय परिवहन सेवाओं या टैक्सियों का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से:
कोराडी माता मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन नागपुर रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 15 किमी दूर है। आप रेलवे स्टेशन से स्थानीय परिवहन सेवाओं या टैक्सियों का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
सार्वजनिक परिवहन:
कोराडी मंदिर के लिए निकटतम बस स्टॉप कोराडी मंदिर है, जो 1 मिनट की पैदल दूरी पर है। आप Moovit पर कोराडी मंदिर के लिए बसों के शेड्यूल और किराए की जाँच कर सकते हैं।
विशेष बसें:
नवरात्रि उत्सव के दौरान, नागपुर नगर निगम शहर के विभिन्न स्थानों से कोराडी मंदिर तक विशेष बसें चलाता है। ये बसें रोजाना सुबह 6 बजे से चलती हैं और हर 10 मिनट में रवाना होती हैं। भीड़भाड़ वाले दिनों में, बसें नियमित अंतराल पर चलती हैं।
करोड़ी माता मंदिर में चढ़ाया जाने वाला भोग
कोराडी माता मंदिर में पूजा अनुष्ठानों में भोग एक अनिवार्य हिस्सा है। भोग देवी की भूख को मिटाने के लिए चढ़ाया जाता है जिससे भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। कोराडी माता मंदिर में, देवी जगदंबा माता को 56 प्रकार के भोग चढ़ाए जाते हैं, जिसमें विभिन्न व्यंजन, फल और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। यह विस्तृत प्रसाद देवी के प्रति भक्तों की भक्ति और श्रद्धा का प्रमाण है। भोग कई भक्तो द्वारा तैयार किया जाता है और विभिन्न त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान देवी को चढ़ाया जाता है, और ऐसा माना जाता है कि इन अनुष्ठानों में भाग लेने वालों को देवी आध्यात्मिक लाभ और आशीर्वाद देती है
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