भविष्यवाणियाँ जो कि भविष्य मालिका में वर्णित पुरी जगन्नाथ मंदिर के लिए की गई।
गुरु - 23 मई 2024
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“भविष्य मालिका” हिंदू धर्म में एक प्रसिद्ध भविष्यवाणिय साहित्य है जो भविष्य में होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी करता है। हिंदू धार्मिक ग्रंथ भविष्य मालिका के अनुसार, 2029 में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित होंगी। इसमें शामिल हैं: मानवता के लिए एक नए स्वर्ण युग की शुरुआत। कलियुग का अंत, अंधकार और अज्ञानता का वर्तमान युग। भगवान कल्कि, विष्णु के ग्यारहवें और अंतिम अवतार की वापसी। शांति, सद्भाव और धन पर आधारित एक नई वैश्विक व्यवस्था का निर्माण।
विषय-सूची
1. भविष्य मालिका
2. भविष्य मालिका की भविष्यवाणियाँ
3. भविष्य मालिका पुराण और इसकी भविष्यवाणिय उत्पत्ति की खोज
4. भगवान कल्कि अवतार और युद्ध विराम
5. अंतिम राजा हिंदू शासक होगा

भविष्य मालिका
भविष्य मालिका यह संकेत देती है कि भूकंप, बाढ़ और जैसी प्राकृतिक आपदाओं की एक श्रृंखला का अकाल, अब से लेकर 2029 के बीच पड़ेगा। इन त्रासदियों को कलियुग के अंत और एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। भारत के ओडिशा में जगन्नाथ पुरी मंदिर, 2029 की घटनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मंदिर में जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवता हैं, जिन्हें क्रमशः विष्णु, कृष्ण और बलराम का अवतार माना जाता है।
भविष्य मालिका के अनुसार, जगन्नाथ पुरी मंदिर में अच्छाई और बुराई की ताकतों के बीच एक बड़ी लड़ाई होगी। संघर्ष से अच्छाई की जीत होगी और एक नई दुनिया की स्थापना होगी।
भविष्य मालिका एक जटिल और विवादित कार्य है। कुछ हिंदू मानते हैं कि यह एक सच्ची भविष्यवाणी है, जबकि अन्य इसे काल्पनिक मानते हैं। हालाँकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस शास्त्र का हिंदू संस्कृति और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भविष्य की भविष्यवाणी करने के लिए भविष्य मालिका एकमात्र स्रोत नहीं है।
भविष्य की भविष्यवाणी करने वाले कई अतिरिक्त हिंदू लेखन हैं, और यह निर्धारित करना असंभव है कि कौन सी भविष्यवाणियाँ सच होंगी।
भविष्य मालिका की भविष्यवाणियाँ
भविष्य मालिका एक रोमांचकारी और उत्तेजक साहित्य है जो मानवता के भविष्य पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह एक ऐसा ग्रंथ है जिस पर नि:संदेह आने वाले वर्षों में बहस और विचार-विमर्श किया जाएगा। भविष्य मालिका 2029 में होने वाली निम्नलिखित घटनाओं की भविष्यवाणी करती है:मानवता के लिए एक नए स्वर्ण युग की शुरुआत। भविष्य मालिका कहती है कि मानवता 2029 में एक नए स्वर्ण युग में प्रवेश करेगी। यह युग शांति, सद्भाव और धन से परिभाषित होगा।
कलयुग, जो वर्तमान में अंधकार और अज्ञानता की विशेषता है, समाप्त हो रहा है। भविष्य मालिका कहती है कि कलियुग 2029 में समाप्त होगा।
भगवान कल्कि की वापसी: भगवान कल्कि विष्णु के ग्यारहवें और अंतिम अवतार हैं। भविष्य मालिका का कहना है कि भगवान कल्कि 2029 में बुराई की शक्तियों को नष्ट करने और एक नई वैश्विक व्यवस्था स्थापित करने के लिए वापस आएंगे। भविष्य मालिका का कहना है कि 2029 तक एक नई विश्व व्यवस्था बन जाएगी। यह नई वैश्विक व्यवस्था शांति, सद्भाव और समृद्धि पर आधारित होगी। भविष्य मालिका यह भी भविष्यवाणी करती है कि अभी से लेकर 2029 के बीच भूकंप, बाढ़ और अकाल जैसी प्राकृतिक आपदाओं की एक श्रृंखला होगी। इन त्रासदियों को कलियुग के अंत और एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। भारत के ओडिशा में जगन्नाथ पुरी मंदिर से 2029 की घटनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। मंदिर जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवताओं का निवास स्थान है, जिन्हें क्रमशः विष्णु, कृष्ण और बलराम का अवतार माना जाता है। भविष्य मालिका के अनुसार, जगन्नाथ पुरी मंदिर अच्छाई और बुराई की शक्तियों के बीच एक बड़ी लड़ाई की मेजबानी करेगा। यह संघर्ष अच्छाई की जीत और एक नई विश्व व्यवस्था की नींव के साथ समाप्त होगा।
भविष्य मालिका पुराण और इसकी भविष्यवाणियों की उत्पत्ति की खोज
भविष्य मालिका हाल ही में प्रकाशित हुई एक पुस्तक, भविष्य मालिका पुराण को संदर्भित करता है, जिसे 2023 में प्रकाशित किया गया था। यह खुद को ताड़ के पत्तों पर लिखे एक प्राचीन दस्तावेज़ से भविष्यवाणियों पर आधारित बताता है। यहाँ इसका विवरण दिया गया है:
पुस्तक: "भविष्य मालिका पुराण"
पुस्तक के लेखक: पंडित काशीनाथ मिश्र (2023)।
भविष्यवाणियों की उत्पत्ति: सोलहवीं शताब्दी में श्री अच्युतानंद दास द्वारा किए गए कार्यों से होने का दावा किया जाता है।
पंडित श्री काशीनाथ मिश्र ने हिंदी भाषा की पुस्तक भविष्य मालिका पुराण लिखी, जिसे 2023 में नोशन प्रेस द्वारा जारी किया गया था। पुस्तक श्री अच्युतानंद दास के भविष्य के पूर्वानुमानों पर केंद्रित है। पुस्तक कई भाषाओं में भी उपलब्ध है। पुस्तक भविष्य के पूर्वानुमानों पर केंद्रित है, जिसमें भारत वैश्विक युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कैसे करता है, शामिल है। निम्नलिखित बिंदुओं की जांच करना महत्वपूर्ण है:
मौलिकता: पुस्तक के बहुत पुरानी पांडुलिपि के बारे में दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है।
भविष्यवाणी की सटीकता: सटीकता के मामले में भविष्यवाणियों को मापना स्वाभाविक रूप से कठिन है।
भगवान कल्कि अवतार और युद्ध विराम
भारत पर आक्रमण से आबादी भ्रमित हो जाएगी, और आक्रमणकारी सेना जगन्नाथ पुरी को घेर लेगी। उसी समय, युद्ध चरम पर होगा, और सैन्य नियंत्रण स्थापित किया जाएगा। विरोधी बंगाल में राम मंदिर और काली मंदिर को निशाना बनाएंगे। लोग इस हमले से बचाने के लिए भगवान से प्रार्थना करेंगे। तब भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि प्रकट होंगे। भगवान कल्कि अपने शत्रुओं पर विपत्ति लाएंगे, जिससे वे घबरा जाएंगे। भविष्यवाणी के अनुसार, कल्कि अवतार का जन्म हो चुका है, लेकिन वह अभी भी एक गुप्त स्थान पर है।
अंतिम राजा
भविष्य मलिका के अनुसार, गजपति महाराज ओडिशा के अंतिम राजा होंगे, जबकि वे भारत के प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य करेंगे। भारत के अंतिम राजा और सबसे शक्तिशाली हिंदू शासक योगी पुरुष की कोई संतान नहीं थी।
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