नवरात्रि 2024: प्रत्येक तिथि के लिए नवरात्रि प्रसाद प्रसाद के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका
मंगल - 01 अक्तू॰ 2024
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नवरात्रि के नौ दिनों में मां के विभिन्न नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन के लिए अलग मंत्र, पूजन विधि और भोग (प्रसाद) नियत किया गया है।
विषय सूची-
1- नवरात्रि पर माता के नौ रूपों को चढ़ता है नौ अलग-अलग प्रसाद
2- पहले दिन माता शैलपुत्री को लगाएं घी का भोग
3- दूसरे दिन मां ब्रह्मारिणी को चढ़ाएं मिश्री
4- तृतिया को मां चंद्रघंटा को चढ़ाएं खीर-मिठाई
5- चतुर्थी पर माता कुष्माडा को अर्पित करें मालपुआ
6- पंचमी पर मां स्कंदमाता को चढ़ाएं केला
7- षष्ठी पर मां कात्यायनी को करें शहद का अर्पण
8- सप्तमी पर गुड़ का भोग चढ़ाएं
9- अष्टमी पर मां को लगाएं यह भोग
10- नवमी पर इस भोग से करें मां को प्रसन्न
11- प्रसाद में इनका है विशेष महत्व

नवरात्रि पर माता के नौ रूपों को चढ़ता है नौ अलग-अलग प्रसाद
शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस बार 3 अक्टूबर से हो रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि में माता रानी का वाहन पालकी होगा। इस दौरान माता के नौ रूपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्म्चारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कन्दमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की अलग अलग विधानों से पूजा की जाएगी।
इन पूजा विधानों में माता को चढ़ाए जाने वाले भोग प्रसाद का विशेष महत्व होता है। हर देवी को अलग-अलग भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह न केवल माता का आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम है बल्कि इससे जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता की प्राप्ति भी होती है। आइये आपको बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि में इस बार माता को किस दिन कौन सा प्रसाद अर्पित किया जाना चाहिए..
पहले दिन माता शैलपुत्री को लगाएं घी का भोग
नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन माता को घी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
दूसरे दिन मां ब्रह्मारिणी को चढ़ाएं मिश्री
दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। उन्हें शक्कर या मिश्री का भोग अर्पित करने का विधान बताया गया है। मान्यता है कि इस भोग को अर्पित करने से जातक को लंबी आयु, धैर्य और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है।
तृतिया को मां चंद्रघंटा को चढ़ाएं खीर-मिठाई
नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। उन्हें दूध और उससे बने प्रसाद जैसे खीर या मिठाई का भोग अर्पित करना चाहिए। यह भोग भक्तों के जीवन में सुख और शांति लाता है।
चतुर्थी पर माता कुष्माडा को अर्पित करें मालपुआ
चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा में उन्हें मालपुए का भोग अर्पित करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस भोग को अर्पित करने से व्यक्ति को बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पंचमी पर मां स्कंदमाता को चढ़ाएं केला
पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। उन्हें मुख्य रूप से केले का भोग अर्पित किया जाता है। इस दिन केला अर्पित करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहता है।
षष्ठी पर मां कात्यायनी को करें शहद का अर्पण
छठें दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाता है। उन्हें शहद का भोग अर्पित किया जाता है। शहद का भोग अर्पित करने से सुंदरता और आकर्षण की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में रस बना रहता है।
सप्तमी पर गुड़ का भोग चढ़ाएं
सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। उन्हें गुड़ का भोग अर्पित करना चाहिए। यह भोग देने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
अष्टमी पर मां को लगाएं यह भोग
नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी की आराधना के लिए नियत किया गया है। भारत के कुछ हिस्सों में अष्टमी इस दिन मां को नारियल का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि महागौरी का पूजन करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं।
नवमी पर इस भोग से करें मां को प्रसन्न
नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री के नाम है। इस दिन व्रत कर लोग नवरात्रि के पूजन का समापन करते हैं। मान्यता है कि इस दिन मां को तिल अर्पित करने से विशेष फल मिलता है। नवमी पर मां को घर की बनी हुई खीर और हलवा-पूड़ी का भोग लगाना चाहिए। मां सिद्धिदात्री का पूजन करने से मनुष्य के जीवन में सुख-शांति आती है।
प्रसाद में इनका है विशेष महत्व
नवरात्रि में यदि आप विशेष न कर पा रहे हों तो इन प्रसादों को मां को अर्पित करें। पूजा में इना विशेष महत्व है।
1- नारियल के लड्डू
2- मखाने की खीर
3- सूजी का हल्वा
4- मालपुआ और
5- साबूदाने की
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