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शक्तिशाली भगवान हनुमान: शक्ति और भक्ति का प्रतीक

Mon - Apr 01, 2024

6 min read

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हनुमान जयंती, दुनिया भर में लाखों हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक शुभ दिन है, जो भक्ति, शक्ति और निष्ठा के प्रतीक भगवान हनुमान के जन्म का प्रतीक है। चैत्र के हिंदू चंद्र महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह पवित्र अवसर हिंदू पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता में गहरा महत्व रखता है। जब भक्त शक्तिशाली भगवान हनुमान का सम्मान करने के लिए एकत्र होते हैं, तो वे साहस, सुरक्षा और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

विषय सूची

हनुमान जयंती कब है
हनुमान जयंती का महत्व
हनुमान जयंती या जन्मोत्सव
हनुमान जयंती कब मनाई जाती है?
हनुमान जयंती 2024 कैसे मनाएं
क्या हनुमान जयंती पर सरकारी छुट्टी होती है?
सूर्यदेव को निगलने वाले हनुमान जी को कैसे मिला ज्ञान?
हनुमान जी के मंत्र 

हनुमान जयंती कब है

हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। यह तिथि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था।
यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है और वे इस दिन बजरंगबली की पूजा-अर्चना करते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3:25 बजे से शुरू होगी, जो 24 अप्रैल को सुबह 5:18 बजे समाप्त होगी। हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 9.03 बजे से 10.41 बजे तक रहेगा। जबकि ब्रह्म मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 4.20 बजे से 05.04 बजे तक है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:53 बजे से शुरू होकर दोपहर 12:46 बजे समाप्त होगा।

हनुमान जयंती का महत्व

हनुमान जयंती का महत्व धार्मिक पहलू से परे है। भगवान हनुमान असीम भक्ति, शक्ति और निस्वार्थ सेवाओं के प्रतीक हैं। उनका जीवन लोगों को साहस और अटूट विश्वास के साथ चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देता है। यह त्यौहार भक्तों के लिए इन गुणों पर विचार करने और अपने जीवन में बाधाओं को दूर करने के लिए आशीर्वाद मांगने का अवसर है।

हनुमान जयंती या जन्मोत्सव

दोनों शब्द, हनुमान जयंती और जन्मोत्सव, भगवान हनुमान के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए सही हैं।
हनुमान जयंती:
यह शब्द हिंदी में अधिक लोकप्रिय है।
इसका अर्थ है "हनुमान का जन्म दिवस"।
यह शब्द "जय" (जीत) और "अंति" (अंतिम) से मिलकर बना है, जो भगवान हनुमान की विजय और उनके शाश्वत जीवन का प्रतीक है।

हनुमान जन्मोत्सव:
यह शब्द संस्कृत से आता है।
इसका अर्थ है "हनुमान का जन्म उत्सव"।
यह शब्द "जन्म" (जन्म) और "उत्सव" (उत्सव) से मिलकर बना है, जो भगवान हनुमान के जन्म की खुशी और उत्सव का प्रतीक है।

हनुमान जयंती कब मनाई जाती है?

हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है:
पहली बार: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को। इस साल यह शनिवार, 27 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी।
दूसरी बार: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को। इस साल यह गुरुवार, 14 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था। वहीं, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को उन्होंने रावण का वध किया था।

हनुमान जयंती 2024 कैसे मनाएं

किसी भी देवी देवता की जयंती या जन्मोत्सव मनाने का सबसे अच्छा तरीका हैं पुजा - पाठ करना । हनुमान जयंती के दिन आप यह नियम अपना सकते है ।

सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
हनुमान मंदिर में जाएं और दर्शन करें।
मंदिर में दीपक जलाएं और आरती करें।
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ करें।
हनुमान जी को फल, फूल, मिठाई, सिंदूर, चोला, इत्यादि चढ़ाएं।
बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान करें।

अगर आप भी अपनी व्यस्थ जीवनशैली के कारण पुजा - पाठ नही कर सकते हैं। तो आप उत्सव ऐप के माध्यम से हनुमान मंदिर में पुजा अथवा पाठ बुक कर सकते है । पूजा बुक करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें या उत्सव ऐप डाउनलोड करें।

क्या हनुमान जयंती पर सरकारी छुट्टी होती है?

नहीं, हनुमान जयंती भारत में राष्ट्रीय अवकाश नहीं है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे कुछ राज्य इसे अवकाश घोषित करते हैं, लेकिन अन्य नहीं। पुष्टि के लिए अपने राज्य की आधिकारिक अवकाश सूची देखना चाहिए।

सूर्यदेव को निगलने वाले हनुमान जी को कैसे मिला ज्ञान?

बचपन में, हनुमान जी अत्यंत चंचल और जिज्ञासु थे। वे हमेशा नई चीजों को देखना और सीखना चाहते थे। एक दिन, उन्होंने सूर्य को क्षितिज पर उगते हुए देखा। सूर्य का लाल रंग और विशाल आकार उन्हें एक स्वादिष्ट फल की तरह लगा।
अपनी भूख मिटाने के लिए, हनुमान जी ने सूर्य को निगलने का फैसला किया। वे तेज़ी से आकाश की ओर उड़ने लगे। सूर्यदेव को यह देखकर आश्चर्य हुआ। उन्होंने हनुमान जी को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे बहुत तेज़ थे।
हनुमान जी ने सूर्य को अपने मुंह में डाल लिया और वापस नीचे उड़ने लगे। सूर्यदेव के प्रकाश से उनका मुंह जलने लगा। वे दर्द से कराहने लगे।
इंद्रदेव ने यह देखकर अपनी वज्र से हनुमान जी की ठोड़ी पर प्रहार किया। इससे हनुमान जी बेहोश होकर गिर गए। जब वे होश में आए, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ।
हनुमान जी ने सूर्यदेव से क्षमा मांगी। सूर्यदेव ने उन्हें क्षमा कर दिया और उन्हें ज्ञान और शक्ति का आशीर्वाद दिया।
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें बिना सोचे-समझे कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा विनम्रता और ज्ञान का मार्ग अपनाना चाहिए।
यह कहानी हनुमान जी की बाल लीलाओं में से एक है। यह हमें उनकी शक्ति, चंचलता और जिज्ञासा का बोध कराती है। साथ ही, यह हमें सिखाती है कि हमें बिना सोचे-समझे कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा विनम्रता और ज्ञान का मार्ग अपनाना चाहिए।

हनुमान जी के मंत्र

ओम हनुमते नमः: यह एक सरल और शक्तिशाली मंत्र है जिसका अर्थ है "मैं हनुमान को नमन करता हूँ।"
ओम बलि हनुमंताय स्वाहा: यह मंत्र हनुमान की अपार शक्ति का सम्मान करता है।
अंग पवन पुत्र हनुमंत की जय: इस मंत्र का अर्थ है "पवन देवता के पुत्र हनुमान की जय।"
हनुमान चालीसा को भी एक मंत्र माना जा सकता है क्योंकि यह एक भक्ति मंत्र है।

हनुमान चालीसा पाठ

हनुमान जयंती, भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है, ये हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस पवित्र दिन पर कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
पूजा की तैयारी: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। अपने पूजा स्थान की साफ-सफाई करें।
मूर्ति या चित्र स्थापना: एक चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पंचामृत स्नान: हनुमान जी को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं।
अभिषेक: इसके बाद जल, गंगाजल, मौसमी फलों का रस आदि से उनका अभिषेक करें।
तिलक और चोला चढ़ाना: हनुमान जी को सिंदूर का तिलक लगाएं और उन्हें सिंदूर या लंगोट चढ़ाएं।
हनुमान चालीसा का पाठ: अब पूरे श्रद्धा भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ के दौरान हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाएं। आप तुलसी की माला या मीठे पान का भोग भी लगा सकते हैं।
आरती: अंत में हनुमान जी की आरती करें। आप धूप और दीप जलाकर उनकी आरती कर सकते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ करने का महत्व:

मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से पूजा का फल अधिक मिलता है।
हनुमान चालीसा के पाठ से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्ट दूर करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हनुमान चालीसा के पाठ से आत्मविश्वास बढ़ता है और बल एवं साहस की प्राप्ति होती है।
हनुमान जयंती के दिन ये अनुष्ठान करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से आप भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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