गोवर्धन आरती - लाभ, विशेष अवसर और कब पाठ करें
सोम - 13 मई 2024
2 मिनट पढ़ें
शेयर करें
गोवर्धन आरती, जिसे "गोवर्धन पूजा आरती" भी कहा जाता है, एक धार्मिक अनुष्ठान है जो गोवर्धन पहाड़ को समर्पित किया जाता है, जो हिन्दू धर्म में प्रमुख महत्व रखता है। यह आरती आमतौर पर गोवर्धन पूजा के दौरान पढ़ी जाती है, जो दीवाली के चौथे दिन मनाई जाती है। इस अनुष्ठान में, भगवान कृष्ण को समर्पित गाने और प्रार्थनाओं के माध्यम से गोवर्धन पहाड़ का धन्यवाद और श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यह आरती भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है और भक्तों को दिव्य संबंध में ले जाती है, जो भगवान कृष्ण और गोवर्धन पहाड़ के साथ होते हैं।

आरती
॥ आरती श्री गोवर्धन महाराज की ॥
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,ठोड़ी पे हीरा लाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण,करो भक्त का बेड़ा पार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
लाभ
गोवर्धन आरती के पाठ से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं:
1. आत्मिक शक्ति का विकास: गोवर्धन आरती का पाठ करने से आत्मिक शक्ति का विकास होता है और व्यक्ति की आत्मा में ऊर्जा का बढ़ावा होता है।
2. आनंद और शांति: इस आरती का पाठ करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और उसे आनंद का अनुभव होता है।
3. कष्ट निवारण: गोवर्धन आरती के पाठ से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं और उसका जीवन सुख-शांति से भर जाता है।
4. धार्मिक उत्थान: यह आरती भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है, जिससे व्यक्ति का धार्मिक उत्थान होता है और उसे दिव्य उच्च संज्ञान की प्राप्ति होती है।
5. आशीर्वाद: गोवर्धन आरती के पाठ से भगवान कृष्ण की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, जो व्यक्ति को सफलता और सुखी जीवन प्रदान करते हैं।
इस प्रकार, गोवर्धन आरती का पाठ करने से व्यक्ति को आत्मिक और धार्मिक लाभ प्राप्त होते हैं, जो उसे उत्तम जीवन की ओर ले जाते हैं।
विशेष अवसर और कब गाएं :
गोवर्धन आरती का पाठ आमतौर पर गोवर्धन पूजा के दौरान किया जाता है, जो दीवाली के चौथे दिन मनाई जाती है। इस दिन, लोग गोवर्धन पहाड़ की पूजा करते हैं और उसके लिए आरती करते हैं। गोवर्धन पूजा का अवश्यक तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार होती है, जिसमें यह तिथि दीवाली के चौथे दिन को होती है। इसलिए, गोवर्धन आरती का पाठ भी उसी दिन किया जाता है।
शेयर करें
गणेश जी को पूजा अर्पित करें
🪔
Puja for Shri Krishna's Blessings
Sri Bankey Bihari Sarva Manokamna Purti Maha Puja
Bankey Bihari Temple, Vrindavan
बुध - 17 सित॰ 2025 - इन्दिरा एकादशी
8.6k+ भक्त