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भगवान गोपाल आरती - लाभ, विशेष अवसर और कब पाठ करें

रवि - 05 मई 2024

2 मिनट पढ़ें

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भगवान गोपाल आरती हिंदू धर्म में किया जाने वाला एक भक्ति अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से भगवान कृष्ण को उनके गोपाल रूप में समर्पित है। गोपाल एक प्रिय देवता हैं जो कृष्ण के चंचल और पोषण संबंधी पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। आरती में भजन और प्रार्थना के बीच भगवान गोपाल को प्रकाश अर्पित किया जाता है, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है, परमात्मा के साथ बंधन को मजबूत करता है, और उपासकों के लिए गोपाल के रूप में भगवान कृष्ण की दिव्य उपस्थिति से जुड़ने के लिए एक शांत वातावरण बनाता है।

आरती

आरती युगल किशोर कीजे।
तन मन धन नयोचावर कीजे॥

गोरश्याम मुख निरखं लीजिये ।
हरि का रूप नयन भारी पिजिए॥

रवि शशि कोटि बदन की शोभा।
ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥

ओधे नील पीत पट सारी।
कुंजबिहारी गिरिवरधारी॥

फुलां सेज फुल की माला।
रतन सिंहासन बताइ नन्दलाल॥

कंचन थार कपूर की बाती।
हरि आए निर्मल भाई चाटी॥

श्रीपुरुषोतम गिरिवरधारी।
आरती करे सकल नर नारी॥

नंदनंदन बृजभान किशोरी।
परमानंद सवामि अविचल जोरि॥

लाभ

1. भगवान गोपाल से आशीर्वाद और दिव्य कृपा का आह्वान करता है, आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है।
2. भक्ति और प्रार्थना के माध्यम से आंतरिक शांति और शांति को बढ़ावा देता है।
3. गोपाल के रूप में भगवान कृष्ण के साथ बंधन को मजबूत करता है, आध्यात्मिक संबंध बढ़ाता है।
4. ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए अनुकूल पवित्र वातावरण बनाता है।
5. भगवान गोपाल के चंचल स्वभाव को दर्शाते हुए, उपासकों के दिलों में खुशी और आनंद पैदा करता है।

विशेष अवसर और कब गाएं

1. कृष्ण जन्माष्टमी: भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव, विशेष रूप से कृष्ण के बचपन के रूप पर ध्यान केंद्रित करने के कारण भगवान गोपाल आरती गाने के लिए महत्वपूर्ण है।
2. गोपाष्टमी: यह त्योहार एक चरवाहे लड़के के रूप में कृष्ण की लीला का जश्न मनाता है और भगवान गोपाल की आरती गाने का एक आदर्श अवसर है।
3. एकादशी: भक्त अक्सर एकादशी पर भगवान गोपाल की आरती गाते हैं, जो हिंदू चंद्र कैलेंडर में भगवान विष्णु से जुड़ा एक पवित्र दिन है, जिनके कृष्ण अवतार हैं।
4. गुरुवार: कुछ भक्त अपने नियमित आध्यात्मिक अभ्यास के हिस्से के रूप में भगवान गोपाल आरती गाने के लिए गुरुवार को चुनते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित दिन है।
5. व्यक्तिगत उत्सव: शुभ शुरुआत और खुशी के अवसरों के लिए भगवान कृष्ण से आशीर्वाद लेने के लिए व्यक्ति जन्मदिन, शादी या गृहप्रवेश समारोह जैसे व्यक्तिगत उत्सवों के दौरान भी भगवान गोपाल आरती गा सकते हैं।

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