श्री राम चालीसा / Shri Rama Chalisa
शुक्र - 12 अप्रैल 2024
5 मिनट पढ़ें
शेयर करें
श्री राम चालीसा, हिंदू धर्म में प्रसिद्ध भगवान राम को समर्पित धार्मिक ग्रंथ है। यह चालीसा भगवान राम के गुण, महिमा, और कृपा का वर्णन करती है और उन्हें उनके भक्तों की संतोषप्रद और आशीर्वाद देने वाले रूप में प्रस्तुत करती है। यह चालीसा रामायण की महत्वपूर्ण कथाओं और राम भक्ति के महत्व को सार्थकता से प्रस्तुत करती है। भक्तों द्वारा इसका पाठ प्रतिदिन किया जाता है जो भगवान राम की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करना चाहते हैं।

चालीसा
॥ चौपाई ॥
श्री रघुबीर भक्त हितकारी।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई।ता सम भक्त और नहीं होई॥
ध्यान धरें शिवजी मन मांही।ब्रह्मा, इन्द्र पार नहीं पाहीं॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना।जासु प्रभाव तिहुं पुर जाना॥
जय, जय, जय रघुनाथ कृपाला।सदा करो संतन प्रतिपाला॥
तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला।रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥
तुम अनाथ के नाथ गोसाईं।दीनन के हो सदा सहाई॥
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं।सदा ईश तुम्हरो यश गावैं॥
चारिउ भेद भरत हैं साखी।तुम भक्तन की लज्जा राखी॥
गुण गावत शारद मन माहीं।सुरपति ताको पार न पाहिं॥
नाम तुम्हार लेत जो कोई।ता सम धन्य और नहीं होई॥
राम नाम है अपरम्पारा।चारिहु वेदन जाहि पुकारा॥
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो।तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो॥
शेष रटत नित नाम तुम्हारा।महि को भार शीश पर धारा॥
फूल समान रहत सो भारा।पावत कोऊ न तुम्हरो पारा॥
भरत नाम तुम्हरो उर धारो।तासों कबहूं न रण में हारो॥
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा।सुमिरत होत शत्रु कर नाशा॥
लखन तुम्हारे आज्ञाकारी।सदा करत सन्तन रखवारी॥
ताते रण जीते नहिं कोई।युद्ध जुरे यमहूं किन होई॥
महालक्ष्मी धर अवतारा।सब विधि करत पाप को छारा॥
सीता राम पुनीता गायो।भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥
घट सों प्रकट भई सो आई।जाको देखत चन्द्र लजाई॥
जो तुम्हरे नित पांव पलोटत।नवो निद्धि चरणन में लोटत॥
सिद्धि अठारह मंगलकारी।सो तुम पर जावै बलिहारी॥
औरहु जो अनेक प्रभुताई।सो सीतापति तुमहिं बनाई॥
इच्छा ते कोटिन संसारा।रचत न लागत पल की बारा॥
जो तुम्हरे चरणन चित लावै।ताकी मुक्ति अवसि हो जावै॥
सुनहु राम तुम तात हमारे।तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे॥
तुमहिं देव कुल देव हमारे।तुम गुरु देव प्राण के प्यारे॥
जो कुछ हो सो तुमहिं राजा।जय जय जय प्रभु राखो लाजा॥
राम आत्मा पोषण हारे।जय जय जय दशरथ के प्यारे॥
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरुपा।नर्गुण ब्रहृ अखण्ड अनूपा॥
सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी।सत्य सनातन अन्तर्यामी॥
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै।सो निश्चय चारों फल पावै॥
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं।तुमने भक्तिहिं सब सिधि दीन्हीं॥
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरुपा।नमो नमो जय जगपति भूपा॥
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा।नाम तुम्हार हरत संतापा॥
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया।बजी दुन्दुभी शंख बजाया॥
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन।तुम ही हो हमरे तन-मन धन॥
याको पाठ करे जो कोई।ज्ञान प्रकट ताके उर होई॥
आवागमन मिटै तिहि केरा।सत्य वचन माने शिव मेरा॥
और आस मन में जो होई।मनवांछित फल पावे सोई॥
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै।तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै॥
साग पत्र सो भोग लगावै।सो नर सकल सिद्धता पावै॥
अन्त समय रघुबर पुर जाई।जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥
श्री हरिदास कहै अरु गावै।सो बैकुण्ठ धाम को पावै॥
॥ दोहा ॥
सात दिवस जो नेम कर,पाठ करे चित लाय।
हरिदास हरि कृपा से,अवसि भक्ति को पाय॥
राम चालीसा जो पढ़े,राम चरण चित लाय।
जो इच्छा मन में करै,सकल सिद्ध हो जाय॥
लाभ
श्री राम चालीसा के पाठ से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं:
1. भगवान राम की कृपा: चालीसा के पाठ से भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है और भक्त के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आभास होता है।
2. आत्मिक उन्नति: श्रद्धालु को श्री राम चालीसा का पाठ करने से आत्मिक उन्नति और आध्यात्मिक विकास का अनुभव होता है।
3. मन की शांति: चालीसा के पाठ से मन की शांति और स्थिरता मिलती है और चिंताओं का समाप्त होता है।
4. विघ्ननिवारण: श्री राम चालीसा के नियमित पाठ से जीवन में आने वाली बाधाओं और संघर्षों को दूर किया जा सकता है।
5. संतोष और समृद्धि: इस चालीसा के पाठ से भक्त को भगवान राम का आशीर्वाद मिलता है, जिससे उसकी समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं और उसका जीवन समृद्धि से भर जाता है।
इस प्रकार, श्री राम चालीसा का पाठ करने से भक्त को भगवान राम की कृपा, आशीर्वाद और प्रेम का अनुभव होता है, जो उसके जीवन को समृद्धि और सुख से भर देता है।
कब और कैसे जप करे?
श्री राम चालीसा का जप करने के लिए निम्नलिखित तरीके का पालन करें:
1. समय का चयन: श्री राम चालीसा का पाठ सुबह या शाम के समय में किया जा सकता है। आप इसे अपनी रोज़ाना की पूजा-पाठ का हिस्सा बना सकते हैं।
2. ध्यानावस्था: चालीसा के पाठ के लिए एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें, जहां आप निष्क्रिय और अध्यात्मिक वातावरण में हों।
3. स्थिर मन से जप करें: चालीसा का जप करते समय मन को शांत और स्थिर रखें। ध्यान केंद्रित करें और भगवान राम की प्रति श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें।
4. माला का प्रयोग: माला का प्रयोग करें ताकि आप चालीसा के मंत्रों को संख्या में गिन सकें। आमतौर पर १०८ बार का जप किया जाता है।
5. नियमित अभ्यास: श्री राम चालीसा का नियमित जप करें, या तो रोजाना या किसी विशेष दिनों पर। नियमितता से इसके लाभ को प्राप्त किया जा सकता है।
6. अनुभव के साथ पाठ करें: जब आप श्री राम चालीसा का पाठ करते हैं, तो उसे अपने मन के साथ अनुभव करें। भगवान राम की प्रति अपनी श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का अभिवादन करें।
शेयर करें