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अक्षय तृतीया 2025: तिथि, समय और महत्व

बुध - 17 अप्रैल 2024

3 मिनट पढ़ें

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अक्षय तृतीया, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग में सबसे पवित्र और शुभ दिनों में से एक है। इसे पूरे भारत और दुनिया भर के हिंदू श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। "अक्षय" का अर्थ होता है "जो कभी नष्ट न हो" और "तृतीया" का मतलब है "शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि"। यह दिन सफलता, धन और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि अक्षय तृतीया 2025 की तिथि और समय, इसका महत्व, और इसे कैसे मनाया जाए।

अक्षय तृतीया 2025: तिथि और समय

अक्षय तृतीया वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। 2025 में, अक्षय तृतीया मंगलवार, 29 अप्रैल को पड़ेगी।
तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल 2025 को 05:31 PM बजे
तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 02:12 बजे


सबसे शुभ समय प्रातःकाल में होता है, इसलिए पूजा और धार्मिक कार्य इस समय में करना शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया का महत्व

अक्षय फलदायी दिन
इस दिन किए गए सत्कर्म, दान और निवेश का फल कभी समाप्त नहीं होता। इसलिए लोग इस दिन सोना, चांदी और नई चीजें खरीदते हैं।
सतयुग का प्रारंभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सतयुग का आरंभ हुआ था, जो चार युगों में सबसे पवित्र और सत्यप्रिय युग माना जाता है।
भगवान परशुराम का जन्म
इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम का जन्म हुआ था, जो अपने पराक्रम और भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।
सुदामा और श्रीकृष्ण की कथा
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के मित्र सुदामा ने उन्हें अर्जित चिवड़ा (पोहा) भेंट किया था, जिसके बदले में श्रीकृष्ण ने सुदामा को असीम धन-संपत्ति का आशीर्वाद दिया।
महाभारत की रचना
अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेशजी को महाभारत लिखने के लिए प्रेरित किया था। इसलिए यह दिन ज्ञान और विद्या के लिए भी शुभ माना जाता है।
दान-पुण्य का श्रेष्ठ दिन
अक्षय तृतीया पर गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पुण्य देने वाला दिन होता है।

अक्षय तृतीया 2025 कैसे मनाएँ?

पूजा और अनुष्ठान करें
इस दिन स्नान कर भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और परशुराम की पूजा करें। कुछ लोग गणेशजी और लक्ष्मी माता की भी पूजा करते हैं।
पवित्र मंत्रों का जाप करें
इस दिन विष्णु सहस्रनाम, महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
दान करें
गरीबों और ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सोना और चांदी खरीदें
इस दिन सोना, चांदी, आभूषण, भूमि, और नए वस्त्र खरीदना शुभ माना जाता है। यह अक्षय लाभ का प्रतीक है।
नया कार्य शुरू करें
व्यापार, नया घर बनाने, या किसी नई योजना की शुरुआत के लिए अक्षय तृतीया को शुभ दिन माना जाता है।
व्रत रखें
कुछ लोग अक्षय तृतीया व्रत रखते हैं और केवल फल व दूध का सेवन करते हैं। इससे मन और शरीर की शुद्धि होती है।
पेड़ लगाएँ
इस दिन वृक्षारोपण करना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समृद्धि और पर्यावरण संतुलन का प्रतीक होता है।
परिवार के साथ समय बिताएँ
यह दिन केवल धार्मिक कार्यों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने परिवार और प्रियजनों के साथ खुशी के पल बिताने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अक्षय तृतीया 2025: शुभ कार्यों की सूची

सोना और चांदी खरीदना
नए कार्य या व्यापार की शुरुआत
शादी या सगाई करना
नई संपत्ति या वाहन खरीदना
यज्ञ और हवन करना

अक्षय तृतीया का आध्यात्मिक महत्व

अक्षय तृतीया केवल भौतिक समृद्धि के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस दिन आप:
भगवान का धन्यवाद करें - जीवन में मिली हर खुशी के लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करें।
ध्यान और प्रार्थना करें - आत्मशांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए कुछ समय ध्यान में बिताएँ।
दूसरों की सेवा करें - जरूरतमंदों की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य है।
धार्मिक ग्रंथ पढ़ें - श्रीमद्भगवद गीता, रामायण या अन्य धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें।

निष्कर्ष

अक्षय तृतीया 2025 एक पवित्र, शुभ और मंगलकारी दिन है, जो जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि लाने वाला होता है। इस दिन दान-पुण्य करें, पूजा करें और अच्छे कार्यों की शुरुआत करें।
अक्षय तृतीया का सच्चा अर्थ यह है कि अच्छे कर्म और सकारात्मक विचार जीवन में अनंत सुख और समृद्धि लाते हैं। ईश्वर की कृपा से यह दिन आपके जीवन में खुशियाँ और सफलता लाए।
शुभ अक्षय तृतीया! 

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