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विवाह पंचमी: अयोध्या और जनकपुर में भगवान राम और सीता के पवित्र विवाह का जश्न

सोम - 05 दिस॰ 2022

4 मिनट पढ़ें

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विवाह पंचमी एक शुभ हिंदू त्योहार है जो भगवान राम (अयोध्या के राजकुमार) और सीता (जनकपुर की राजकुमारी) के पवित्र विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर में यह मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष (उज्ज्वल पखवाड़े) के पांचवे दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार आमतौर पर जॉर्जियाई कैलेंडर के अनुसार नवंबर के अंत से दिसंबर की शुरुआत तक मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से उत्तर भारत, मिथिलांचल और नेपाल में मनाया जाता है।

हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, मिथिला (जनकपुर) के राजा जनक ने 'स्वयंवर' समारोह आयोजित करने के लिए विभिन्न राज्यों से राजाओं को आमंत्रित किया था, जिसमें राजकुमारी सीता ने वर चुनने का अधिकार प्राप्त किया था। लेकिन विवाह के लिए एक शर्त थी, और वह यह थी कि कोई भी राजा शिव धनुष को उठाकर उसे बांधने में सक्षम हो। हजारों राजाओं और राजकुमारों ने प्रयास किया, लेकिन कोई भी उसे हिला नहीं सका। फिर अयोध्या के राजकुमार राम ने उस विशाल और भारी शिव धनुष को उठाया और तान दिया। इस अद्भुत दृश्य के बाद आकाश से फूलों की वर्षा हुई और सीता ने भगवान राम से विवाह किया। भगवान राम और देवी सीता के विवाह की याद में, लोग विवाह पंचमी को धूमधाम से मनाते हैं।

विषय सूची:

1. विवाह पंचमी 2024 की तिथि और समय
2. भगवान राम और सीता के विवाह का इतिहास और महत्व
3. विवाह पंचमी अनुष्ठान और समारोह
4. सीता के विवाह और शिव धनुष की किंवदंती
5. विवाह पंचमी कैसे मनाएं: विधि-विधान

विवाह पंचमी 2024 की तिथि और समय

2024 में, पंचमी तिथि 5 दिसंबर को 12:41 बजे शुरू होगी और 6 दिसंबर को 12:07 बजे समाप्त होगी। इसलिए, विवाह पंचमी 6 दिसंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

भगवान राम और सीता के विवाह का इतिहास और महत्व

विवाह पंचमी का उत्सव विशेष रूप से अयोध्या में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। यहाँ के मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया जाता है। दिन के समय विभिन्न मंदिरों से राम और सीता के विवाह की भव्य रूपरेखा का आयोजन किया जाता है, जो अंत में भगवान राम और सीता की मूर्तियों के विवाह समारोह के साथ समाप्त होता है। इस दिन भक्तगण रामायण के भक्ति गीत और भजनों के साथ पूजा करते हैं। अयोध्या में होने वाली राम विवाह उत्सव के दौरान, मिथिला से आए लोग पारंपरिक पोशाकों में नृत्य और संगीत प्रस्तुत करते हैं। यह कार्यक्रम अयोध्या में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और यहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक और भक्त जुटते हैं।

विवाह पंचमी अनुष्ठान और उत्सव

विवाह पंचमी भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। नेपाल के जनकपुर में भी विवाह पंचमी का उत्सव बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ सात दिनों तक जानकी मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें भगवान राम और सीता की मूर्तियों को मंडप में ले जाया जाता है और उन्हें पारंपरिक विवाह पोशाक में सजाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से भक्ति गीतों का गायन और पारंपरिक भोजन की व्यवस्था होती है। जनकपुर इस त्यौहार के दौरान जीवन से भरा रहता है, और यहाँ के लोग इस पवित्र अवसर का आनंद लेते हैं।

सीता के विवाह और शिव धनुष की कथा

लोक कथा के अनुसार, राजा जनक ने जब खेती करते समय धरती से एक कन्या प्राप्त की, तो उन्होंने उसका नाम सीता रखा। उन्होंने देवी सीता को अपनी पुत्री माना और उसका पालन-पोषण किया। जब सीता ने शिव के धनुष को उठाया, तो राजा जनक ने समझ लिया कि वह कोई साधारण कन्या नहीं हैं। इस पर उन्होंने स्वयंवर आयोजित करने का निर्णय लिया और यह घोषणा की कि जो भी इस धनुष को उठा सकेगा, वही सीता से विवाह करेगा। स्वयंवर के समय भगवान राम ने शिव धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाकर उसे तोड़ दिया, जिसके बाद राजा जनक ने सीता का विवाह राम से तय किया। इसी प्रकार, माता सीता और भगवान राम का विवाह हुआ, और उन्हें आदर्श जोड़ा माना जाता है।

विवाह पंचमी कैसे मनाएं: विधि-विधान

1. पूजा: विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और सीता की पूजा करें। उनके सामने धूप और अगरबत्ती जलाएं और 'ओम नमो नारायण' का जाप करें।
2. दान: इस दिन दान करना शुभ माना जाता है। किसी गरीब व्यक्ति के विवाह की जिम्मेदारी लें और उसे संपन्न कराएं। महिलाओं को भोजन दान करें और अपनी मां का आशीर्वाद लें।
3. व्रत और मंत्र: पीले वस्त्र पहनकर तुलसी या चंदन की माला से मंत्र या दोहे का जाप करें।
4. पारंपरिक अनुष्ठान: किसी बच्चे को रामायण के प्रसंग सुनाएं और पूजा के बाद पारंपरिक भोजन का आनंद लें।

उत्सव एप के माध्यम से ऑनलाइन पूजा बुक करें

विवाह पंचमी 6 दिसंबर को मनाएं और जीवनसाथी के लिए माता सीता और श्रीराम से आशीर्वाद प्राप्त करें, ताकि आपका वैवाहिक जीवन सुखी और प्रेमपूर्ण हो।

यह पवित्र दिन माता सीता और प्रभु श्रीराम के दिव्य विवाह का प्रतीक है। अब आप उत्सव ऐप के माध्यम से श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या में विवाह पंचमी के लिए अनंत बंधन पूजा में भाग ले सकते हैं। पुजारी आपके नाम और गोत्र सहित पूजा करेंगे और पवित्र प्रसाद आपके घर भेजा जाएगा। आप घर बैठे पूरी पूजा का वीडियो भी देख सकते हैं।

मान्यता है कि इस दिन माता सीता और श्रीराम की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सामंजस्य आता है, जैसे उनके दिव्य विवाह से एक आदर्श संगति का निर्माण हुआ।

हर साल अयोध्या के काले राम मंदिर में विवाह पंचमी बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाती है, जहाँ श्रीराम और माता सीता की साथ में पूजा की जाती है। आज ही उत्सव ऐप की वेबसाइट पर जाएं और अपनी पूजा बुक करें।

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